कोटा विकासखंड के अंतर्गत कई पर्यटन केंद्र है। इसमें से कई पर्यटन केंद्र पहुंचविहीन क्षेत्र में है। दुर्गम होने के बाद भी बढ़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। कोटा जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बेलगहना के पास मुख्य मार्ग में झिंगाटपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत औंरापानी जलप्राप्त लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दूर होने के बाद भी बड़ी संख्या में दूर – दूर से पर्यटक जलप्रपात तक पहुंचते है। बारिश के बाद से पर्यटकों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। यहां स्थित मनोरम दृश्य को देखने के लिए पर्यटक दिन भर रहकर शाम को लौट जाते हैं। लोगों ने बताया पर्यटन केंद्र के प्रति लोगों के आकर्षण के बाद भी वनविभाग, जल संसाधन विभाग के अधिकारी पर्यटकों की सुविधा के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं।
ग्राम पंचायत की उदासीनता की वजह से वनविभाग भी कोई कार्य नहीं कर रही है। लोगों का कहना है कि विभाग को सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास करना चाहिए। जलप्रपात तक पंहुचने के लिए आवागमन की साधन नहीं होने की वजह से लोगों को कष्ट उठाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में औरापानी जल प्रपात में लोग आना छोड़ देंगे। स्थानीय लोग भी पर्यटन केंद्र को बढ़ाव देने की मांग कर चुके है।
इस दिशा में ग्राम पंचायत और वन विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य होना चाहिए। प्रशासन रोजगार गारंटी के तहत यहां सड़क बना सकती है। इससे लोगों को जहां रोजगार मिलेगा वहीं जल प्रपात के कारण गांव की पहचान बनेगी
बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाला यह जलप्रपात, नाग खोला जलाशय के अंतर्गत आता है, जो कि अचानकमार का हिस्सा है, और यहां 3 जलप्रपात की मौजूदगी की पुष्टि हुई, जिसमें मे से ये मैदानी भाग वाला है, और बाकी के दो जलप्रपात के लिए आपको थोड़ी चढ़ाई करनी होगी, जो कि इनसे और बड़े हैं,
यह जलप्रपात बिलासपुर से लगभग 52 km पर है, यहां पहुचने के लिए आपको बिलासपुर से कोटा होते हुए बेलगहना मार्ग पर औरापानी या नाग खोला जलाशय पूछने से लोग बता देंगे, मेन रोड से ये जलाशय लगभग 16km अंदर है बरसात की वजह से सड़के चुनौतियों से भरी हुई है, तो हिम्मत के साथ जाए, और छोटे चक्के वाले वाहन मे जाने से बचे,
चारों तरफ पहाड़ और बीच में बड़ा तालाब होने के कारण यह क्षेत्र बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है। अभी भी लोग पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन उन पर किसी तरह की बंदिशे नहीं है। यही वजह है कि यहां चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। नशाखोरी के लिए भी इस क्षेत्र का इस्तेमाल हो रहा है।
राजा मनीष मनसागर
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