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रफ्तार का अंजाम:पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में 10 हजार से अधिक एक्सीडेंट; 4017 लोगों की गई जान, 9 हजार से अधिक घायल
रायपुर6 घंटे पहले
तस्वीर कवर्धा की है जहां तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराकर चकनाचूर हो गई। यह हादसा इन आंकड़ों में अभी शामिल नहीं है।
गृह मंत्री ने विधानसभा में दी सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी
तेज रफ्तार, लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी को जिम्मेदार बताया
छत्तीसगढ़ की सड़कों पर तेज रफ्तार और चालकों की लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। पिछले 11 महीने में प्रदेश की सड़कों पर 10 हजार 269 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 4 हजार 17 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 9 हजार 409 लोग घायल हुए हैं।
प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज सड़क दुर्घटना के ये भयावह आंकड़े दिए है। दरअसल, विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने जनवरी 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक हुई सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी मांगी थी। इसके लिखित उत्तर में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पिछले 11 महीनों में 4 हजार 17 लोगों के मौत का आंकड़ा दिया।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया, पुलिस मुख्यालय विभिन्न स्तरों पर इन दुर्घटनाओं की समीक्षा करता रहता है। समीक्षा में इन दुर्घटनाओं का बड़ा कारण तेज रफ्तार है। लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने और यातायात नियमों की अनदेखी को भी दुर्घटनाओं का कारण बताया गया है।
रायपुर जिले की सड़कें सबसे खतरनाक
विधानसभा में आज पेश आंकड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटना के मामले में रायपुर जिला सबसे खतरनाक है। जनवरी से नवम्बर 2020 तक यहां सड़क दुर्घटना के 1598 मामले दर्ज हुए हैं। इन दुर्घटनाओं में 437 लोगों की जान गई है। वहीं 1186 व्यक्ति घायल हुए हैं।
इन जिलों से भी चिंताजनक आंकड़े
बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और दुर्ग जिले से भी चिंताजनक आंकड़े आए हैं। विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवम्बर 2020 की अवधि में बिलासपुर जिले में हुईं 819 दुर्घटनाओं में 264 लोगों की जान गई है।
राजनांदगांव जिले में इसी दौरान 699 केस दर्ज हुए हैं। इनमें 253 लोगों की मौत हुई। रायगढ़ में 449 मामलों में 232 लोगों की असमय मौत का मामला इसी दौरान दर्ज हुआ है। महासमुंद जिले में 198 लोगों की मौत रिपोर्ट हुई है।
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