>बिलासपुर- स्वास्थ्य जांच के नाम पर रोजाना मोबाइल पर तरह-तरह के ऐप के विज्ञापन और लिंक लोगों के पास आ रहे है ।जालसाज दीपावली के मौके पर ज्यादा सक्रिय है। ऐप के जरिए निशुल्क रक्त बीपी शुगर एक्सरे ऑक्सीजन लेवल जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने का दावा कर रहे हैं। साथ ही नगद बोनस का प्रलोभन भी दे रहे हैं ।लेकिन असलियत यह है कि देश में ऐसे ऐप की अनुमति ही नहीं है। ऐप को डाउनलोड करने वाले यूजर बैंक धोखाधड़ी या डाटा चोरी के शिकार हो रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग और, शासकीय राघवेंद्र राव विज्ञान पीजी महाविद्यालय सूचना प्रौद्योगिकी ने सर्वे में पाया कि त्योहारी सीजन में जालसाज सबसे अधिक सक्रिय है। कोरोनावायरस के बीच लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं ।जालसाज इसी का फायदा उठाकर अब ऐप के जरिए लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी के विभागाध्यक्ष एमएच होता ने बताया कि जब कोई ऐसे ऐप को इंस्टॉल करता है तो उससे फोन बुक, लोकेशन, कैमरा ,गैलरी, मोबाइल सेटिंग चेंज करने की अनुमति मांगी जाती है। अगर कोई यूजर अनुमति देता है उनका नियंत्रण ऐप के माध्यम से जालसाज के पास पहुंच जाता है। कंप्यूटर साइंस विभाग वेबीनार और मैसेज के माध्यम से लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है ।कि किसी भी ऐप डाउनलोड नहीं करें ।बताया जाता है कि करीब 100 दिनों के भीतर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय से संबद्ध 198 कॉलेजों के 33 से अधिक छात्र हो चुके हैं।
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