BCC NEWS परिवार की ओर से शारदीय नवरात्रि की पावन शुभकामनाएं…

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हमको था जिसका इंतजार वो घड़ी आ गई,
होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई
शारदीय नवरात्रि की पावन शुभकामनाएं…

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बिलासपुर- नवरात्रि का त्‍योहार यूं तो साल में दो बार आता है, लेकिन शारदीय नवरात्रि के साथ दुर्गा पूजा, दशहरा और फिर दीवाली का मिलन इसे यादगार बनाता है। वरात्रि के पावन दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और मां की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी किए जाते हैं। इस बार 17 अक्‍टूबर से शुरु हो रही नवरात्रि की पावन शुभकामनाएं और बधाई सभी अपनों को भेजें, ताकि नवरात्रि और आने वाले दिन उनके लिए भी शानदार बन जाएं,

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परंपरा चाहे गुजरात की हो या किसी अन्य राज्य की, अलवर शहर के लोग इन्हें अपनी परंपरा बनाते देर नहीं लगाते। कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है नवरात्रि के 9 दिनों में, जहां लोग गुजराती चनिया चोली पहनकर पूरी रात गरबा करते हैं और माता जी की पूजा करते हैं। सभी लोगों ने सोचा था कि इस वर्ष भी धूमधाम से गरबा खेलेंगे, लेकिन कोरोना ने इस पर लगाम लगा दी।
गरबा खेलने वाले लोग हों या गरबा कार्यक्रम आयोजित करने वाले, सभी पर कोरोना ने गहरी छाप छोड़ दी है। गरबा प्रेमी महिलाएं कार्यक्रम आयोजित नहीं होने की खबर सुनकर मायूस हैं। वहीं आयोजन कर्ताओं का कहना है कि चार-पांच सालों से कार्यक्रम करवाने की परंपरा इस वर्ष टूट गई।

महिलाओं व युवतियों ने कहा- घर पर ही माता की पूजा करेंगी

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शहर की गरबा टीम के लोगो ने बताया कि वह पांच साल से गरबा नाइट कार्यक्रम में भाग लेती आ रही हैं। जब पता लगा कि इस साल गरबा कार्यक्रम नहीं होंगे तो वे बहुत निराश हुई। हालांकि उनका कहना है कि अगर कोरोना से लड़ना है तो ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहना होगा। इस बार सभी दोस्त मिलकर घर पर ही छोटा सा कार्यक्रम आयोजित कर गरबा खेलेंगे।

राजा मनीष मनसागर

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