कोटा/ संवाददाता- रोहित साहू : इन दिनों कोटा विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्र में झोला छाप डाक्टरों का बाढ़ सी आ गई है, जहाँ पा रहे वहां अपना प्राइवेट क्लिनिक खोल कर बैठ गए है , आखिर क्यों नहीं जिम्मेदार कोटा में बैठे प्रशासन के डाक्टर को इसके एवज में मोटी रकम जो मिल रहा, कोटा विकास खण्ड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहाँ के ग्रामीण आज भी शासन के ऐसे कई स्वास्थ योजना चल रही है। जिसका लाभ नहीं ले पा रहे , ना ही भोले – भाले ग्रामीणों तक योजनाओं का लाभ भी नहीं पहुँच पाती आखिर क्यों पहुँचे ,जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी के सह पर हो रहा है, पुरा खेल,
सूत्रों की माने तो ,एक डाक्टर ने नाम नही छापने के एवज में बात करते हुए बतलाया की ,कोटा स्वास्थ केंद्र में बैठे जिम्मेदार अधिकारी द्वारा वसूली के लिए दो युवक रखे हैं, जो हर माह उनको भेज कर वसूली की जाति है। युवको द्वारा कहा जाता है, डाक्टर साहब भेजे है,बाहर चौक में रुके हुए हैं।महीना कम्प्लीट हो गया है चंदा लेने आए है। और डाक्टरों द्वारा वसूली के पैसे कोई दो हजार तो कोई तीन से चार हजार तक साहब को भेजा जाता है।
बहरहाल जिले में बैठे अधिकरियों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वसूली बाज डाक्टर के उपर जांच कर कार्यवाही करना चाहिए ताकि झोलाछाप डाक्टरों से वसूली का खेल व भोले भाले ग्रामीणों के जेब में डल रही डाका में रोक लग सके , व शासन की सवास्थ् योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सके।
Advertisement
Advertisement