जुगनू तंबोली रतनपुर– बिलासपुर संभाग में अच्छी बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए है वही जलाशयों का जल स्तर भी बढ़ चुका है। अंततः भादों की बारिश में जिले का सबसे बड़ा बांध संजय गांधी जलाशय खुंटाघाट बांध लबालब हो ही गया। बांध के भरने की खुशी सवा दो सौ गांवो के सैकड़ों किसानों के चेहरों पर साफ महसूस की जा सकती है। खरीफ की चिंता तो खत्म हुई आगे भी बारिश होती रही तो किसानों को रबी की फसलों के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा। खूंटाघाट बांध से बिलासपुर जिले के सीपत मस्तूरी विधानसभा क्षेत्रों की सवा दो सौ से अधिक गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। खूंटाघाट बांध में जमा जल से ही इस क्षेत्र के किसानों की जीवन की दशा और दिशा तय होती है। सावन के अंतिम दिनों में सीपत मस्तूरी क्षेत्र के किसानों के द्वारा कम वर्षा के कारण खेती की सिंचाई के लिए पानी की मांग की जा रही थी। किसानों के पानी को मांग को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान के द्वारा आज द्वारा खूंटाघाट डेम के बडी नहर के गेट को खोला गया था।इस साल सावन माह बीतने के बाद बांध में पानी का भराव हो चुका था।भादो में शुरुआती दिनों में हुई अच्छी बारिष से बांध के जल स्तर में खासा बढ़ोतरी हुई । ताजा आंकड़ों के मुताबिक बांध में कुल क्षमता के 100 फीसदी पानी का भराव हो चुका है। केच मेंट एरिया के नदी नालों से बांध में अभी पानी आ ही रहा है। बांध में पानी का भराव पूर्ण हो जाने से वेस्टवियर रपटा में पानी का बहाव शुरू हो गया है। हालात ऐसे ही रहे तो इस बार किसानों को रबी की फसलों के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
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