गुरु नानक देव जी के उपदेश, जीवन संदेश.. जो दिखाते हैं जीवन जीने की सही राह,

Spread the love

सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 552वीं जयंती 19 नवंबर यानी शुक्रवार को बड़ी धूमधाम से देश भर में मनाई गई. इस दिन आयोजित होने वाली सभाओं में गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में बताया गया। और गुरु ग्रंथ साहिब पाठ किया गया. गुरुद्वारों में आज के पूरे दिन सेवा और भक्ति का संगम चलता रहा. इस मौके पर आपको बताते हैं गुरुनानक देव जी द्वारा दिए गए जीवन के संदेशों और शिक्षाओं के बारे में..

Advertisement

Tanay

सिख धर्म को मानने वालों के लिए गुरुनानक जयंती का दिन बेहद खास होता है। इस दिन गुरुद्वारे में कीर्तन लंगर का आयोजन किया जाता है। प्रातः प्रभात फेरी निकाली जाती है। लोग हर्षोल्लास के साथ गुरुनानक जी का जन्मदिवस मनाते हैं और एक दूसरे को बधाइयां देते हैं

Advertisement

Tanay

Advertisement

Tanay

नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था. ये स्थान वर्तमान समय में पाकिस्तान में हैं. इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है.कार्तिक पूर्णिमा को जन्में गुरु नानक देव सर्वधर्म सद्भाव की प्रेरक मिसाल माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाज सुधारक, देशभक्त जैसे सभी गुणों को समेटे हुआ है।

नानक देव जी ने समाज में फैले अंधविश्वास, घृणा, भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी। उन्होंने समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने के लिए लंगर परंपरा की शुरुआत की थी। इसमें सभी जाति और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। गुरु नानक देव जी ने ‘निर्गुण उपासना’ पर जोर दिया और उसका ही प्रचार-प्रसार किया।

Advertisement

Tanay

उनके तमाम उपदेशों को आत्मसात करते हुए बिलासपुर में भी बड़े ही उत्साह के साथ गुरुपूरब मनाया गया जनह ना सिर्फ सिख समाज बल्कि सर्व धर्म के लोग शामिल होकर गुरु के समक्ष मत्था टेक कर जयंती की बधाइयां एक दूसरे को दी ।इस दौरान गुरु नानक स्कूल स्थित रंजीत सिंह सभागार में कीर्तन और अटूट लंगर चलता रहा,

Advertisement

Tanay

Advertisement

Tanay

Advertisement

Tanay

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *