बिलासपुर -अरपा नदी के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिये क्रियान्वित की जा रही अरपा प्रोजेक्ट से बिलासपुर शहर की तस्वीर बदल जाएगी।सौंदर्यीकरण के साथ-साथ बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी हमेशा प्रवाहित नज़र आएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए विभागीय अमला ने क्या कुछ किया है और क्या कुछ करने वाली है देखिए इस रिपोर्ट में
अरपा नदी को संरक्षित, संवर्धित करने और इसके सौंदर्यीकरण के लिये मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कार्य प्रारंभ हो चुका है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा नदी के दोनों किनारों में शहर में 1800-1800 मीटर स्मार्ट सड़क का निर्माण किया जा रहा है. ये सड़कें रिवर व्यू की तर्ज पर बनायी जा रही है. जो रिवर व्यू रोड से भी आकर्षक होगी, जिससे मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव कम होगा. शहर में पुल के इस ओर सिक्सलेन सड़क और दूसरी ओर सरकंडा क्षेत्र में फोरलेन सड़क बनायी जायेगी. सर्वसुविधायुक्त सड़कों में पैदल एवं सायकल यात्रियों के लिये पर्याप्त जगह होगी. स्ट्रीट लाईट, सोलर लाईट लगाये जायेंगे.
रोड के किनारे नाली निर्माण होगा, जिससे शहर के गंदे पानी की निकासी होगी. जल संरक्षण के लिये सड़क किनारे रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये जायेंगे. जिससे वर्षा का जल सीधे नदी में प्रवाहित होगा. बिजली, पानी व केबल के लिये अंडरग्राउण्ड डक्ट बनाये जायेंगे. स्मार्ट सड़क में गार्डन और पार्किंग की सुविधा भी रहेगी. इन निर्माण कार्यों पर 95 करोड़ की राशि खर्च होगी, जिसके लिये टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. अरपा के दोनों ओर निर्माणाधीन सड़कों के स्थल पर मौजूद कब्जाधारी परिवारों का सुरक्षित विस्थापन किया जा रहा है.
नदी किनारे हरियाली लाने और नदी के संरक्षण के लिये वन विभाग ने बड़ी योजना बनायी है. नदी के तटबंधों का विकास और किनारों पर हरित पट्टी का विकास किया जायेगा. जिससे नदी कटाव भी रूकेगा. वन विभाग के कैम्पा मद से नदी किनारे 3 लाख पौधे लगाये जायेंगे. बिलासपुर, रतनपुर और बेलगहना रेंज में पौधारोपण का कार्य अगले महीने से शुरू किया जायेगा.अरपा नदी से जुड़ने वाले सभी नालों का उपचार कर नदी को पुनर्जीवित करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है.
सूखी अरपा नदी में साल भर पानी रहे, इसके लिये दो बैराज निर्माण की योजना तैयार की गयी है. ये दोनों बैराज लगभग 49-49 करोड़ रूपये की लागत के होंगे. जिसके लिये डीपीआर तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजा गया है. ये बैराज शहर के बीच पचरीघाट और शिवघाट पर बनाये जायेंगे. इन दोनों बैराजों के निर्माण से शहर के जल स्तर में भी सुधार होगा. लेकिन इन सबसे पहले फिर एक बार नदी किनारे बसे लोगो के घरों पर बुलडोजर चलने वाली है।
राजा मनीष मनसागर
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