साइबर फ़्रॉड
एंकर- साइबर अपराध तेजी से जिले में पैर पसार रहा है, यह बात पुलिस के आंकड़ों से भी साबित होती है, जिले में 1 साल के अंदर दर्ज हुए 192 मामले की पुष्टि करते हैं, थानों से लेकर साइबर सेल तक अधिकांश मामलों में लोगों को यह समझ में नहीं आता कि वह साइबर अपराध शिकायत करे कैसे, क्योंकि उन्होंने फोन करता को ना तो अपना आधार कार्ड नंबर बताएं और नहीं एटीएम कार्ड का पिन नंबर उनके खातों से रुपए गायब हो गए ,पुलिस ने पीड़ितो को समझाया कि साइबर अपराध की जानकारी होते हैं ,उन के चक्कर में फंसने वालों को यह पता नहीं लगता कि कब वह उनकी झांसे में आ गए,
पुलिस विभाग के जानकार बताते हैं कि साइबर अपराध दर्ज मामलों में अब तक गिरफ्तार हुए अपराधियों को पकड़ने में पुलिस जवानों के ही लाखों खर्च हो जाते हैं ,इसकी रिकवरी भी उन्हें नहीं मिल पाती ,हाल में दिल्ली मुंबई से पुलिस ने जिन नाइजीरियन और अन्य ठग गिरोह के लोगों को गिरफ्तार किया उन्हीं में लगभग ढाई लाख से अधिक का खर्च वहन करना पड़ा,
लॉकडॉन के दौरान लोग सबसे ज्यादा साइबर ठगी के शिकार हुए इनाम में करोड़ों रुपए का झांसा, या गूगल सर्च इंजन से किसी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर निकालने के दौरान ठगी का शिकार हो गए, मामलो कि शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया, अधिकारियों की माने तो दर्ज मामलों में लगभग हल निकल हो चुका है, कुछ ही मामले होंगे बाहर ना जाने की वजह से पेंडिंग होंगे वहीं आरोपियों से रिकवरी भी लाखों में हुई है।
राजा मनीष मनसागर
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