पुलिस ग्राउंड में नगर निगम द्वारा रावण का पुतला नहीं बनाया गया है। साथ ही नूतन चौक, लाल बहादुर शास्त्री स्कूल, पुराना बस स्टैंड चौक, रेलवे मैदान सहित अन्य जगहों में भीड़ को देखते हुए रावण दहन कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं । यह निर्णय रावण देखने के लिए सड़कों पर लगने वाले हुजूम को देखते हुए लिया गया है। दरअसल हर साल रावण दहन के लिए आम और खास सड़क पर उतरते हैं ।कोरोंना संक्रमण पर रोकथाम के लिए प्रशासन ने कड़े नियम बना दिये है। इस साल दशहरा पर्व पर रावण के लिए पुतले की ऊँचाई 10 फिट , कार्यक्रम में 50 लोगो की उपस्थिति, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सकन्स्कृतिक कार्यक्रमो और पंडाल पर प्रतिबंध , दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में बेरिकेटिंग करने के साथ ही कई निर्देश फिये गए है। यातायात के बाधित करने पर कार्रवाई की चेतावनी तो दी गई है। थर्मल स्केनिंग और सेनेटाइजर का उपयोग करने भी कहा गया है। ऐसे में इन नियमो का पालन कराना रावण दहन समितियों के लिए मुश्किल हो सकता था। जिसे देखते हुए दशहरा उत्सव समितियों ने भी रावण दहन से पल्ला झाड़ लिया है।उल्लेखनीय है कि बुराई के प्रतीक के तौर पर हर साल दशानन का पुतला दहन किया जाता रहा है। हर साल दशहरा उत्सव को लेकर शहर में बड़ी तैयारी होती है। शहर के चौक चौराहों में 20 से 50 फिट उचे रावण के पुतले बनाने का काम 20 दिन पहले ही शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार यह उत्साह दिखाई नही दे रहा है।
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