कोटा। छत्तीसगढ़ सरकार का स्लोगन ‘ स्कूल आ पढ़े बर जिनगी ल गढ़े बर अभियान को लेकर कितने ही नियम बनाए और चाहे कितना पैसा खर्च करे मगर इसकी हकीकत ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से देखी जा सकती है। अधिकारियों की पहुंच से दूर ग्रामीण क्षेत्र के एक स्कूल में गत आठ माह से एक ठेकेदार ने कब्जा कर रखा है। इससे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
कोटा तहसील मुख्यालय से महज 3 किमी दूर ग्रामीण अंचल लालपुर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय की हकीकत ने शासन के ‘स्कूल आ पढ़े बर जिनगी ल गढ़े बर’ अभियान की पोल खोल कर रख दी। यहां पर तीन कमरों का एक प्राथमिक स्कूल है, लेकिन इस विद्यालय में बच्चों के बजाए ठेकेदार का सामान का कब्जा है। यह कब्जा एक-दो माह से नहीं बल्कि गत आठ माह से है।
उठ रहे हैं कई सवाल?
कहीं प्रधान पाठक के द्वारा ठेकेदार को स्कूल भवन किराए पर तो नहीं दिया गया?
प्रधान पाठक व संकुल समन्वयक ने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत क्यों नहीं की?
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