बिलासपुर – स्वास्थ्य विभाग के सहायक नेत्र अधिकारी के उपस्थिति पत्रक में छेड़छाड़ कर उनका वेतन रोक दिया गया है, जिससे परेशान प्रार्थी ने आर्थिक और मानिसक प्रताड़ना की शिकायत करते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर होने की गुहार लगाई है, जिसमें प्रार्थी जितेंद्र कुमार गहवई ने पूर्व सीएमएचओ डॉ अनिल श्रीवास्तव और उनके सहकर्मी विजय प्रकाश सिंह सहायक नेत्र अधिकारी, सहायक ग्रेड 3 मोनिका साहू पर गंभीर आरोप लगाए है और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है,
प्रार्थी जितेंद्र कुमार गहवई ने बताया है कि उनकी पोस्टिंग सहायक नेत्र अधिकारी के तौर पर मोबाईल टीम में सीएचएमओ कार्यालय में थी, जहाँ से उन्हें कोटा क्षेत्र के आमागोहन में ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जहाँ से उन्हें स्टे मिल गया था, स्टे मिल जाने पर वह निरंतर सीएचएमओ कार्यालय अपनी ड्यूटी में आते थे और उपस्थिति पत्रक में उपस्थिति दर्ज करते थे, इसके बाद भी उनका वेतन रोक दिया गया और 12.10.2022 को फिर से उनका ट्रांसफर कोटा क्षेत्र में कर दिया गया जबकि उन्हें स्टे मिला हुआ है,
इसके बाद प्रार्थी ने आदेश की अवहेलना का मामला हाईकोर्ट में लगाया जहाँ से उस समय के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ अनिल श्रीवास्तव ने प्रार्थी के उपस्थिति पत्रक की काफी प्रस्तुत की जिसमें छेड़छाड़ कर अनुपस्थित दिया गया है, प्रार्थी अपनी उपस्थिति में रजिस्टर पर J लिखता है, जिसे ऊपर से छेड़छाड़ कर के A कर दिया गया है, जिसकी वजह से प्रार्थी का सितंबर 2022 से मार्च 2023 तक का वेतन रोक दिया गया है, वेतन रोकने की वजह से प्रार्थी को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, जिसनें तत्कालीन सीएचएमओ डॉ अनिल श्रीवास्तव, विजय प्रकाश सिंह सहायक नेत्र अधिकारी और सहायक ग्रेड 3 मोनिका साहू के खिलाफ हाजिरी रजिस्टर में टेम्परिंग की शिकायत सरकंडा थाने में की है, जिसमें उन्होंने उक्त अधिकारियों द्वारा रंजिशवश उन्हें परेशान करने की बात कही है और आत्महत्या के लिए विवश होने का जिक्र किया है।
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