कोटा । सरकार की योजनाओं का पारदर्शिता के साथ कितना क्रियान्वयन हो रहा हैं, सरकार द्वारा योजना अंतर्गत भरपूर बजट तो देती है, लेकिन बजट का चौथाई हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।
ऐसे में विकास कार्य को पूरी तरह से भ्रस्टाचार किये बिना बनाना सम्भव नही क्योंकि सम्बंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस विकास कार्य के लिए मोटी रकम अपने हिस्से में रखते है यही वजह है कि जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत व आँख बंद कर लेने की हुनर से लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए स्कूल भवन में हर जगह दरारें ही नज़र आ रही है ,
नगर पंचायत कोटा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला में स्कूल भवन तो स्वीकृत हुआ था पर लापरवाही के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया जिससे यहां अध्ययन कर रहे बच्चों को शासन की मंशा अनुरूप स्कूल भवन नही मिल सका।एक करोड़ सात लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन का निर्माण कोटा लोक निर्माण विभाग के द्वारा कराया है। स्कूल भवन को साल भर भी निर्माण कराए नही हुआ हैं, स्कूल भवन में जगह जगह दरार पड़ गया है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है साल भर के अंदर लाखों रुपए खर्च कर निर्माण कार्य में जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग द्वारा बंदरबांट किया गया।
बहरहाल देखना यह होगा कि भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ चुके इस स्कूल भवन के निर्माण कार्य से सम्बंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होती है ।
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