मौत के नाम पर मोटी कमाई का खेल…ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहा व्यापार, क्या और कैसे करते है सब ?

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संवाददाता – रोहित साहू

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कोटा – कोटा विकास खण्ड के आदिवासी सुदूर वनांचल क्षेत्र में कमीशन खोरी में चल रहा अवैध गोरखधंधा, गोरख धंधा ऐसा की सुनकर आपके पैरो तले जमी खिसक जाएगी ,आपने कभी नहीं सुना होगा की तबियत खराब व हार्ट अटैक जैसे बीमारियों से मृत्यु होने वालों को शासन मुवावजा राशि देती हो! लेकिन ऐसा ही मामला कोटा विकास खंड आदिवासी बहुल क्षेत्र से सामने आया है की कोटा बेलगहना क्षेत्र सहित आसपास के भोले भाले आदिवासियों के द्वारा आज भी किसी बीमारी को पुरानी रुढ़िवादी के रूप में देखा जा सकता है,ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीमारी का ईलाज कराने के बजाए आज भी झाड़ फूक पर विश्वास करते है। जिससे धीरे धीरे ईलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है, लेकिन मौत के बाद अगर पैसे मिल जाए तो गरीब परिवार के लिए वरदान साबित हो जाता है, ऐसे कार्य के लिए बेलगहना में चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें ये गोरख धंधा बेलगहना क्षेत्र में विगत 4 साल से चलते आ रहा है, सूत्रों की माने तो इस कार्य के लिए मौके पर पहुंच कर मृत व्यक्ति के परिजनों को तत्काल 20 से 30 हजार रुपए दाहसंस्कार के लिए दिया जाता है,जिसके बाद मृत व्यक्ति की फ़ोटो और आधार कार्ड को अपने पास रख लेते हैं, वहीं सूत्रों की माने तो दलालों द्वारा डॉक्टर को फोन कर मामले की सेेती सेेंटिंग कर लेेते है। यही नहीं मामले को बनाने के लिए पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को भी इसके लिए मोटी रकम भी दिया जाता है। बहरहाल मामले को गम्भीरता से लेते हुए शासन प्रशासन इसके लिए जाँच टीम बना कर जाँच करानी चाहिए जिससे काले कारनामे से पर्दा उठ सके।

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खबर विस्तार से अपडेट जारी,,,,,,,

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