बिलासपुर – छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर प्रदेश भर के एक लाख 80 हजार संविदा कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। जहां उन्होंने जिला मुख्यालयों में तिंरगा झंडा लिए रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। हड़ताल का व्यापक असर न्यायधानी में भी देखने को मिला जहां जिले के सभी संविदा कर्मचारी ने काम बंद कर धरना प्रदर्शन करने नेहरू चौक में एकत्रित हुए,जहां उन्होंने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एक दिवसीय हड़ताल की वजह से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रही। इस बीच सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ ने जनघोषणा में किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस बीच कर्मचारियों ने कहा की हड़ताल कर सो रही शासन को जगाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने बताया कि संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा कर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और बहुत से दूसरे वादों की तरह इसे भी भुला दिया गया। नियमितीकरण तो दूर संविदाकर्मियों के वेतन तक पिछले 3 साल में एक रुपए भी नहीं बढ़ाया गया है, जिससे संविदाकर्मी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं और आक्रोशित हैं।
संविदाकर्मियों की यह है प्रमुख मांगे
संविदा कर्मचारियों की मांगों में नियमितीकरण, 62 वर्ष तक नौकरी सुरक्षा, वेतन विसंगति दूर करना, ग्रेड-पे, मानदेय, स्थानांतरण नीति, कर्मचारी भविष्य निधि, आवास सुविधा एवं अवकाश जैसे मूलभूत कर्मचारी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा सामान्य प्रशासन एवं योजनाओं के लिए गठित समितियों की रिपोर्ट यथाशीघ्र कर्मचारी हित में लागू करने की भी मांग की जा रही है। राज्य शासन की सेवाओं में विभिन्न पदों पर संविदा पुनरीक्षित वेतन वृद्धि प्रति दो वर्षों के अंतराल में वृद्धि की जा रही है। एक जुलाई 2021 में वृद्धि नहीं किए जाने के कारण कर्मचारी वंचित हो रहे हैं।
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