बिलासपुर-महंगाई भत्ता (डीए) और गृह भाड़ा भत्ता (एचआरए) की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। इसके लिए ब्लाक और जिला स्तर पर कर्मचारी संगठनों की बैठकों का क्रम चल रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के मंथन सभा में संघ के पदाधिकारियों कि बैठक आयोजित कि गई थी। जिसमे रायपुर से छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले नियुक्त पर्यवेक्षक पहुंचे थे जिन्होंने जिले के शासकीय कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर विभिन्न संघ के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को रिचार्ज किया। मालूम हो डीए और एचआरए की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन का नेतृत्व कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन कर रहा है। चरणबद्ध तरीके चल रहे इस तैयारी को लेकर प्रदेशभर के सभी जिलों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। बताया जा रहा है। शुक्रवार से बैठको का दौरा शुरू हो गया है। जहा पदाधिकारियों ने बताया कि 16 से 18 अगस्त तक सभी कार्यालयों में हड़ताल सूचना दे दी जाएगी। इस बीच खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 15 अगस्त को पुलिस ग्राउंड में झंडा फहराने के बाद अपने उद्बोधन में डीए पर कोई अहम ऐलान कर सकते हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों में इसकी खासी चर्चा है। हालाकि संघ के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि शासन द्वारा जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति पर प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल हर हाला में किया जाएगा। रायपुर से आए पर्यवेक्षको ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में चार अलग-अलग कैटेगरी में महंगाई भत्ता दिया जाता है। आईएएस अधिकारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को 28 प्रतिशत, पेंशनर को 17प्रतिशत और राज्य के कर्मचारियों को 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। इसके बावजूद कर्मचारियों के मांगो को लेकर राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही है। जिससे प्रदेश के सभी कर्मचारियों में खासा आक्रोश है।
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