प्रसाशनिक निकम्मापन क्या होता है इसे देखने के लिए समय निकालिए और बिलासपुर स्मार्ट सिटी के गायत्री परिसर कृष्णाा परिसर ,रवि रेसीडेंसी जैसी रिहायशी कॉलोनीयो मे घूम कर आइए. आप सही सलामत वापस आए तो शायद कंही गड्ढो में सड़क दिख जाए..

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बिलासपुर- खोदापुर की खस्ताहाल कराहती सड़कों पर लुढक रहे यातायात से सुहाना सफर महज सुनहरा ख्वाब बन कर रह गया है। खुद को कोसते पछताते यंहा के कॉलोनी वासी चुनाव के बाद खुद को ठगा सा महसूस करने लगे है। गायत्री परिसर, कृष्णा परिसर, रवि रेसीडेंसी, सहित बेलतरा क्षेत्र की 2 दर्जन से ज्यादा कॉलोनी के हज़ारों रहवासियो की पीड़ा को समझने की कोशिश जरूर करिएगा, शायद इस खबर को देख कर स्थानीय विधायक , महापौर, पार्षद और बिल्डर्स को खुद की कार्यप्रणाली पर शर्म आ जाय…

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न्यायधानी यानी खोदापुर के नाम से चर्चित स्मार्ट सिटी के ऐसे हिस्से को दिखाने जा रहे है।जँहा की सड़कों के गड्ढों में भरा पानी जिला प्रशासन के अफसरों और चुनकर आय जनप्रतिनिधियों को आईना दिखा रहा है।प्रशासन का निकम्मापन क्या होता है इसे देखने के लिए समय निकलिए और बिलासपुर स्मार्ट सिटी के निगम क्षेत्र की इन कॉलोनी जैसे कि गायत्रीी परिसर कृष्णाा परिसर ,रवि रेसीडेंसी जैसी कॉलोनी और उन तक पहुंच मार्गो में घूम कर आइए। जहां की मूलभूत सुविधाओं को तो छोड़िए घर से बाहर निकलने और फिर घर आने के लिए भी 10 बार सोचना पड़ता है. इन कॉलोनीयो के हर वर्ग के लोगो की अपनी पीड़ा है जिसे सुनो तो दिन गुज़र जाय।

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सड़क से गुजर रहे वाहन सवारों की हालत देखकर भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सड़क किस हद तक बदहाल है। इस समस्या को शासन प्रशासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से जैसे तैसे हम यहां पहुंचे तो स्थानीय रहवासी स्व स्फूर्त इकट्ठा हो गए, और बारी बारी अपनी समस्याएं गिनाने लगे, लोगो ने बताया निकट भविष्य में भी इस मुसीबत का हल न होता देख कई लोग घर बदलने तक को मजबूर हो गए है।

इन तस्वीरों को देखकर आप ही बताय की यंहा सड़कों में गड्ढे है या गड्ढों पर सड़क है ? बेलतरा क्षेत्र के रिहायशी कॉलोनियों के पहुंच मार्ग की ऐसी अवस्था है तो आप अंदाजा लगाइए की ग्रामीण इलाकों का क्या हाल होगा।
ये गड्ढे यातायात तो छोड़ो पैदल चलने के लिए भी खलनायक बने हुए हैं।

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खस्ताहाल कराहती सड़कों पर लुढक रहे यातायात से सुहाना सफर महज सुनहरा ख्वाब बन कर रह गया है। खुद को कोसते पछताते कॉलोनी वासी चुनाव के बाद खुद को ठगा सा महसूस करने लगे है।

राजा मनीष मनसागर

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