बिलासपुर- अचानकमार टाइगर रिजर्व जून में मिलेे बाघिन का बुधवार को बाघिन को अब रजनी नाम से पुकारा जाएगा अधिकारी नेे बतायाा जल्द ही वह पूरी तरह स्वस्थ हो
जाएगी फिर कुछ अधिकारी यह तय करेंगे कि उसे जंगल में छोड़ना है या कानन पेंडारी में ही रखना है आपको बतादे संभाग के अचानकमार टाइगर रिजर्व मार्ग में घायल बाघिन के मिलने के बाद लगातार जहाँ सभी की निगाहें बाघिन के स्वास्थय पर टिकी है तो वही सवाल ये भी उठ रहे है कि क्या अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की दहाड़ फिर सुनाई देगी.. बाघिन को ठीक होने में कितना समय लगेगा… ठीक होने के बाघिन को क्या उसके पुराने रहवास में छोड़ दिया जाएगा.. सवाल ये भी की बाघिन घायल कैसे हुई होगी… इन तमाम सवालों के जवाब लेने अधिकारियों से बात की गई। मालूम हो जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व के छपरवा वन परिक्षेत्र के जंगल मे बीते दो दिन पहले बाघ को देखे जाने की सुगबुगाहट पर उस वक़्त विराम लग गया जब ग्रामीणों के जरिये जंगल विभाग को जानकारी मिली की अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक बाघिन घायल अवस्था मे पड़ी है…इस खबर के मिलते ही कानन पेंडारी बिलासपुर व रायपुर के डॉक्टर की टीम के साथ जंगल मे बाघ की तलाश में वन अमला वहाँ पर पहुचा जहाँ बाघिन पड़ी हुई थी.. जुटी थी…. मौके पर पहुँची टीम को बाघ के शरीर के पिछले हिस्से व पैर में चोट दिखाई दिए…जिसके बाद टीम ने घायल बाघ को ट्रेंकुलाइज किया औऱ केज में डालकर घायल बाघ को बिलासपुर के कानन पेंडारी जु ले कर आये… एटीआर के उपसंचालक डीएफओ सत्यदेव शर्मा के मुताबिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम घायल बाघ का उपचार कर रही है ..चूंकि जहाँ पर चोट लगी थी उसने कीड़े लग गए थे इस वजह से रेस्क्यू सेंटर में उसका इलाज किया जाना जरूरी है। अब बाघिन के स्वास्थ में तेजी से सुधार हो रहा है।
राजा मनीष मनसागर
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