बिलासपुर- अटल बिहारी विश्वविद्यालय द्वारा जारी ऑफलाइन परीक्षा के निर्णय के बाद छात्र संगठनों में आक्रोश व्याप्त है जिस तरह से पढ़ाई हुई उसी तरह से परीक्षा लेने की मांग को लेकर एनएसयूआई और जिद्दी युद्ध के छात्रों ने शनिवार को गांधी चौक से रैली की शक्ल में बिलासपुर विश्वविद्यालय का घेराव कर दिया पुलिस दल बल की मौजूदगी में छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में खूब हंगामा मचाया जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा के नारे लगाते हुए छात्रों ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से इस वर्ष ऑनलाइन परीक्षा कारने को कारण बताया ।हाथ में झंडा लिए बड़ी संख्या में यह छात्र सोशल डिस्टेंसिंग को परे रखते हुए विश्व विद्यालय पहुंचे और फिर घंटों धूप में बैठकर इसी तरह नारे लगाते रहे। पुलिस और विद्यालय प्रशासन के अधिकारी बीच-बीच में इन्हें समझाइश जरूर देते हैं रहे लेकिन मांग पूरी होते तक नहीं हटने के बाद छात्र करते रहे
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय से कुल 195 महाविद्यालय संबंध है जहां आगामी 25 अप्रैल से ऑफलाइन परीक्षा शुरू होने की बात कही जा रही है लेकिन छात्र संगठनों की मांग है कि कोरोना का असर अभी भी खत्म नहीं हुआ है। तो जिस तरह से पढ़ाई हुई है उसी पद्धति से ही परीक्षा भी ली जाए छात्र ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे हैं ।शनिवार को जब सैकड़ों की संख्या में छात्र कुलपति से मुलाकात करने पहुंचे तो यह कार्य परिषद की बैठक में व्यस्त थे ।लिहाजा छात्र बाहर ही नारे लगाने लगे विश्वविद्यालय से कई अधिकारी उन्हें समझाने पहुंचे लेकिन आंदोलनकारी छात्र कुलपति से ही बात करने की जिद पर अड़े रहे। इस दौरान कार्यपरिषद की बैठक समाप्त हुई उसमें शामिल विधायक रश्मि सिंह थीं अपनी वर्तमान कुछ पल के लिए भूल बैठी संसदीय सचिव माइक हाथ में लेते हुए एन एस यू आई जिंदाबाद के नारे लगाने लगी। लेकिन यही बात छात्रों की भीड़ में शामिल जिद्दी युथ की भाव्या शुक्ला को पसंद नहीं आई। और उन्होंने संसदीय सचिव के हाथ से माइक लेने तक का प्रयास किया। जिससे यहां छात्र संगठनों में मतभेद उभरने से आंदोलन के उद्देश्य पर भी खासा असर पड़ा ।
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलपति और अधिकारियों का कहना है कि वह शासन से बंधे हुए हैं और वर्तमान में उनके पास इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए ऐसा कोई निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। आलको बतादे कुलपति भी मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा की बात कह रहे हैं ,लेकिन नियमों से बंधे हुए हैं और जब तक शासन से कोई हरी झंडी ना मिल जाती इस तरह का कोई निर्णय नहीं ले सकते।
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