बिलासपुर- विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा एवं आदिवासी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के उत्थान की दिशा में काम किया जा रहा है। उनके मान-सम्मान को बढ़ाने के साथ गौरवशाली कला, संस्कृति को सहेजने और संरक्षित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। यह समाज बहुत ही न्याय प्रिय और प्रकृति के बहुत समीप रहकर उन्मुक्त जीवन जीने वाला लोकतांत्रिक समाज है। जो किसी अन्य समाज में दिखाई नहीं देता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार बनने के साथ ही लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापसी के साथ उन्हें उनके क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य की दिशा में काम किया गया। पेसा कानून लागू कर उनके हितों को संवर्धित किया जा रहा है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिए जा रहे हैं। उन्होंने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस और अगस्त क्रांति दिवस की सबको बधाई दी। बिलासपुर में साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में आदिवासी समाज की अहम भूमिका है। शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधुर, रानी दुर्गावती सहित समाज के अनेक महापुरूष है। जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी कोशिश विश्वास के साथ विकास और सुरक्षा की है, इसलिए हमने नक्सल क्षेत्र में दहशत के माहौल को दूर करने तथा आदिवासी समाज को आगे बढ़ाते हुए उनके उत्थान के लिए कार्य किया। छत्तीसगढ़ की सरकार ने लाखों परिवारों को वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किए। पेसा कानून लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसमें वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को असीमित अधिकार दिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा कानून के संबंध में जनजागरण चलाया जा रहा है ताकि आदिवासी समाज के सभी लोग जागरूक बनकर अधिकार का लाभ उठा सके। उन्होंने अपने संबोधन से बताया कि पेसा कानून के तहत कमेटी में सिर्फ आदिवासी समाज के सदसय अध्यक्ष बन पायेंगे। इसमें महिला और पुरूष की समान भागीदारी होगी। एक बार पुरूष तो दूसरी बार महिला अध्यक्ष होगी। कार्यक्रम को गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसदीय सचिव विधायक शिशुपाल सिंह शोरी, संसदीय सचिव व विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष नीलकंठ टेकाम आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक शैलेष पाण्डेय, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, कलेक्टर सौरभ कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर सहित देश के अलग-अलग राज्यों से आए आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
रोजगार, आय बढ़ाने के साथ शिक्षा की कर रहे व्यवस्था मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में आदिवासियों को शासन की योजनाओं से जोड़ा गया है। उनकी आर्थिक स्तर को उपर उठाने उन्हें रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है और जीवन स्तर में बदलाव भी आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य देने के साथ सबसे अधिक दर पर तेंदूपत्ता की खरीदी प्रति बोरा 4 हजार रूपये मानक बोरा की दर से खरीदी जा रही है। वनोपज की अधिक दर पर खरीदी के साथ वनांचल इलाकों में प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की गई है। इससे आदिवासियों को रोजगार के साथ उनके वनोपज संग्रहण और उत्पादन का अधिक मूल्य भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती तथा अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गई है। बैंक भी खोले जा रहे हैं। वनांचल क्षेत्रों में बढ़ाई जा रही है स्वास्थ्य सुविधाएं मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही है। पहले मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चलाया गया, फिर इसे पूरे छत्तीसगढ़ में लागू किया गया। हाट बाजार क्लीनिक के माध्यम से दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचाई जा रही है। पहले उल्टी-दस्त से किसी की भी मौत हो जाती थी। अब इन बीमारियों का नियंत्रण होने लगा है।
Advertisement
Advertisement