उत्पाद शुल्क कम होने के बावजूद देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है। वहीं, कई बड़े शहरों में डीजल ने भी इस स्तर को पार कर लिया है। अब तेल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार एक नए प्लान पर काम कर रही है।
क्या है नया प्लान: रिपोर्ट के मुताबिक भारत कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर अपने रणनीतिक तेल भंडार (इमरजेंसी स्टॉक) से 50 लाख बैरल तेल की निकासी की योजना बना रहा है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले इस कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को बेचा जाएगा। ये दोनों सरकारी तेल शोधन इकाइयां रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं।
कब तक होगा ऐलान: रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि इस बारे में औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सात-दस दिनों में तेल निकासी की यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जरूरत पड़ने पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से और कच्चे तेल की निकासी का फैसला ले सकता है।
भारत ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जारी तेजी के बीच ये फैसला लिया है। आपको बता दें कि भारत के पश्चिमी एवं पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार स्थित हैं। इनकी सम्मिलित भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल तेल की है।
उत्पाद शुल्क में की कटौती: हाल ही में केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए की राहत दी गई। इसके बाद देश के अधिकतर राज्यों ने वैट कटौती कर उपभोक्ताओं को मामूली राहत दी है। हालांकि, अब भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों से ग्राहक परेशान हैं।
मनीष मनसागर
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